सफर में सेहत बिगड़ जाए, तो...

सफर में सेहत बिगड़ जाए, तो...

कुमार कौस्‍तुभ

आमतौर पर हम यह मानकर चलते हैं कि सफर सुहाना होगा, आनंददायक होगा, घंटों का रास्ता आसानी से कट जाएगा और कोई परेशानी नहीं होगी। और परेशानी होगी भी तो कम से कम ऐसी नहीं कि घबराना पड़े, और यह सोचना पड़े कि अब क्या होगा। लेकिन आपदा बता कर तो आती नहीं। क्या पता कब आप ऐसे संकट में फंस जाएं जिससे जीवन पर ही आफत आ जाए।

अपने और परिवार के स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में पूर्व जानकारी रखें

ऐसा अक्सर तब हो सकता है जब आप घर से दूर किसी सफर में हों। अचानक बुखार आ सकता है, उल्टी हो सकती है, हरारत हो सकती है। खासकर आप छोटे बच्चों के साथ सफर कर रहे हैं तो और भी सावधानी बरतने की जरूरत है। सबसे पहली बात तो यह है कि आपको अपने और अपने बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी होनी चाहिए और अंदाजा भी होना चाहिए कि किन परिस्थितियों में तबीयत खराब हो सकती है। मसलन, अगर आप यह समझते हैं कि ठंड के मौसम में आप पर सर्दी का असर जल्दी और तेजी से होता है, तो आपको सफर में खासतौर पर सतर्क रहने की जरूरत है। वैसे ही, यदि आपका हाजमा दुरुस्त नहीं रहता तो घर से बाहर खासकर बाजारों में या रेलवे स्टेशन पर या बस स्टैंड पर या फिर एयरपोर्ट पर भी, कहीं भी और कुछ भी खाने पीने से परहेज करना चाहिए।

तैयारी कुछ यूं रखें

हमेशा अपने साथ यथासंभव पानी की बोतल जरूर रखनी चाहिए ताकि यहां वहां जहां तहां प्यास लगने पर बिना सोचे-समझे कैसा भी पानी पीने से बचा जा सके। अगर आपको अपने और परिवार के सदस्यों की शारीरिक स्थिति और क्षमता का अंदाजा हो तो सफर की प्लानिंग भी उसके हिसाब से ही करें ताकि थकान से बच सकें और सफर का मजा ले सकें।

अगर आप किसी ऐसी जगह पर जा रहे हैं जहाँ आपको होटल या गेस्ट हाउस में ठहरना हो तो यह जानकारी जरूर लें कि वहां मेडिकल सुविधा उपलब्ध है या नहीं। आमतौर पर होटलों में डॉक्टर ऑन कॉल की व्यवस्था होती है लेकिन इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए। साथ ही यह भी जान लेना चाहिए कि आप जहां ठहर रहे हैं उस जगह के आसपास कितनी दूरी पर अस्पताल या क्लिनिक हैं और उनका रेपुटेशन कैसा है।

आप ट्रेन या बस से सफर कर रहे हैं तो जा लेना चाहिए कि आकस्मिक तौर पर मेडिकल सुविधा या फर्स्ट एड उपलब्ध है या नहीं। ट्रेन में अटेंडेंट, गार्ड और सुप्रींटेंडेंट के पास यह जानकारी मिल सकती है। तो बस में कंडक्टर और ड्राइवर मददगार हो सकते हैं। विमान में क्रू मेंबर्स आकस्मिक मेडिकल सहायता उपलब्ध करा सकते हैं या अपेक्षित मदद कर सकते हैं।

कुछ बुनियादी बातें

वैसे, कुछ बुनियादी बातें खुद भी ध्यान में रखें तो तबीयत थोड़ी खराब होने पर भी आसानी से अपने मुकाम तक पहुंच सकते हैं और आगे डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। मसलन, 100-101 डिग्री से ऊपर बुखार और सिर दर्द, देह दर्द की स्थिति में क्रोसिन, कालपोल जैसी पैरासिटामोल दवाओं का इस्तेमाल आम है बशर्ते आप किसी और गंभीर बीमारी से पीड़ित न हों और डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा लेना वर्जित हो। इसी तरह सफर के दौरान उल्टी रोकने के लिए ओंडेम और एवोमिन जैसी दवाओं का प्रयोग आम है। हालांकि बेहतर है इन दवाओं के सेवन के बारे में समुचित जानकारी किसी योग्य डॉक्टर से ले लें। सफर में अपने साथ बुखार मापने का यंत्र थर्मामीटर जरूर रखना चाहिए ताकि आकस्मिक स्थिति में हालत का सही आकलन किया जा सके।

कुछ दवाएं साथ रखें

आदर्श स्थिति तो यही मानी जा सकती है कि अगर आप लंबी यात्रा पर निकल रहे हैं तो उससे पहले अपने फैमिली डॉक्टर से सलाह लेकर कुछ ऐसी दवाएं साथ रखें जो SOS स्थिति में काम आ सकें। अगर आप विमान से यात्रा करने वाले हैं तो यह जानना बेहद जरूरी है कि उड़ान से ठीक पहले किन दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए।

एक वाकया याद आता है जब दिल्ली से पटना की फ्लाइट में आगे वाली सीट पर बैठे यात्री की हालत फ्लाइट टेकआॉफ करते ही खराब होने लगी। क्रू मेंबर्स और मुसाफिरों के बीच मौजूद एक डॉक्टर ने तत्काल उनकी मदद की। इस दौरान यह बात सामने आई कि उक्त यात्री ब्लड प्रेशर के मरीज थे और उड़ान से ठीक पहले ही उन्होंने कोई दवा ली जिसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। तो जाहिर है उन्हें सफर से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए थी। और इस बात का ध्यान रखना चाहिए था कि फ्लाइट से पहले दवा के सेवन का क्या असर होगा। ऐसी छोटी-छोटी बातों को अगर नजरअंदाज नहीं किया जाए तो सफर में सेहत से जुड़े बड़े संकटों को टाला जा सकता है और यात्रा को सुखद-मंगलमय बनाया जा सकता है।

(लेखक वरिष्‍ठ टीवी पत्रकार हैं)

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